दोस्तों, आज हम बात करने वाले हैं किराया चुकाने की जर्नल एण्ट्री paid rent journal entry के बारे में।
किराया क्या है what is rent
- जब घर या दुकान या ऑफिस, रहने या बिजनेस के लिए लेते हैं या देते हैं तो उस पर हमें माहाना कुछ पैसा मिलता है या देना पडता है जिसे किराया कहा जाता है।
- जब हम घर या दुकान का किराया किसी को देते हैं तो वो हमारे लिए खर्चा होता है जिसे हम अप्रत्यक्ष खर्च कहते हैं।
- जब हम हम घर या दुकान का किराया किसी से लेते हैं तो वो हमारे लिए आय होती है जिसे अप्रत्यक्ष आय कहते हैं।
- Rent चुंकाने पर Indirect Expenses ग्रुप में शामिल किया जाता है।
- Rent प्राप्त करने पर Indirect Income ग्रुप में शामिल किया जाता है।
paid rent journal entry किराया चुकाने की प्रविष्टि कैसे करें
किराया की प्रविष्टि paid rent journal entry से पहले मै आपको एक बता दूं कि खर्चे और आय में अगर किसी का नाम भी दिया हो तो भी उसे नकद ही माना जाता है।
उदाहरण के तौर पर
- 1000 रूपये किराया चुकाया।
- तल्हा को 1000 रूपये किराया चुकाया।
1000 रूपये किराया चुकाया।
- दोनो ही सूरत में किराया Rent Paid और नकद Cash दो ही खाते निकलेंगे।
- Rent Paid व्यापार के लिए खर्चा है यानि अवस्तुगत खाता Nominal Account
- Nominal Account की जर्नल एण्ट्री का नियम Expenses and Losses Debit, Income and Profit Credit
- Rent Paid व्यापार के लिए खर्चा है इसलिए डेबिट
- Cash एक वस्तु है यानि वस्तुगत खाता Real Account
- Real Account की जर्नल एण्ट्री का नियम Incoming Debit, Outgoing Credit
- Cash व्यापार से जा रहा है इसलिए क्रेडिट
Rent Paid Account Dr | 1,000 | ||
To Cash Account | 1,000 | ||
(Rent paid) |
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