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Goods and Services Tax (GST) | जीएसटी (माल एवं एवं सेवा कर)

Goods and Services Tax
  • GST पूरे देश में 1 जुलाई 2017 मे लागु किया गया था।
  • GST का हिन्दी में मतलब होता है माल और सेवा पर लगने वाला कर। 
  • GST को सरल हिन्दी में माल और सर्विस पर लगने वाला टैक्स भी कहते है। 
  • माल जैसे  घर का सामान, कपड़ा, किराणा का सामान, जूते आदि।
  • सर्विस जैसे मोबाइल नेटवर्क, बैंकिग आदि। 
  • GST एक इनडायेक्ट (Indirect) टैक्स है।
  • GST से पहले कई तरह के टैक्स लगाए जाते थे पर GST के बाद सिर्फ एक ही टैक्स लगता है। 
  • GST  से सामान बनने से लेकर मार्केट मे आने की सारी प्रक्रिया वही रहती है लेकिन अलग-अलग जगह जो टैक्स दिया जाता है उसका सिस्टम बदल जाता है। 
  • कम्पनी अपने उत्पाद के लिए कच्चा माल खरीदती है उस पर टैक्स देती है और अपना उत्पाद बनाकर बेचती है उस पर भी टैक्स देती है। 
  • कुछ चीजों जीएसटी से बाहर रखा गया है जैसे:- पेट्रोलियम, डीजल, पेट्रोल, नेचुरल गैस, एविएशन टर्बाइन फ्यूल, एल्कोहल आदि। 
  • GST से सभी राज्यों में एक समान कर लगता है।
  • GST को मुख्य रूप से दो मुख्य स्तर पर लागु किया गया है, केन्द्र स्तर पर और राज्य स्तर पर।
  • GST का उद्देश्य एक देश, एक कर है।

GST को 3 भागों में बांटा गया है:- IGST, CGST, SGST

IGST:- 

  • IGST केन्द्र सरकार द्वारा राज्य के बाहर वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाने वाला कर है।
  • IGST अन्तर-राज्यीय कर या राज्यों के बीच का कर भी कहते हैं।
  • IGST यह कर केन्द्र सरकार द्वारा एकत्रित किया जाता है।

CGST :-

  • CGST केन्द्र सरकार द्वारा राज्य के भीतर वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाने वाला कर है।
  •  CGST राज्यान्तरिक कर या राज्यों के अन्दर का कर भी कहते हैं।
  • CGST केन्द्र सरकार द्वारा एकत्रित किया जाता है।

SGST

  • SGST राज्य सरकार द्वारा राज्य के भीतर वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाने वाला कर है।
  • SGST राज्यान्तरिक कर या राज्यों के अन्दर का कर भी कहते हैं।
  • SGST राज्य सरकार द्वारा एकत्रित किया जाता है।

जीएसटी का स्तर (कहां-कहां GST लगता है)

  • कच्चे माल पर
  • उत्पादित माल पर
  • वेयरहाउस या होलसेलर को बिक्री पर 
  • रिटेलर को बिक्री पर 
  • अंतिम उपयोगकत्र्ता को बिक्री पर

GST किन पर लागु होता है

  • वस्तुओं के विक्रय पर
  • सेवाओं के विक्रय पर

GST पर लागु विभिन्न दरें

  • अति आवश्यक चीजों पर कम से कम और विलासी व कम महत्वपूर्ण चीजों पर ज्यादा टैक्स लगाकर जीएसटी को ज्यादा न्यायपूर्ण बनाने की कोशिश की गई है।
  • 0
  • 5%
  • 12%
  • 18%
  • 28%

GST पंजीयन के लिए जरूरी दस्तावेज

  • फर्म का नाम
  • आधार कार्ड
  • पेन कार्ड 
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • बैंक अकाउण्ट
  • पते का प्रमाण पत्र (पट्टा/रजिस्ट्री/बिजली का बिल/किरायानामा)

GST पंजीयन किसे कराना जरूरी है

  • माल की दशा  में व्यवसाय का पूरे साल का टर्नओवर यानि माल की बिक्री 40 लाख से अधिक हो।
  • सेवा की दशा में व्यवसाय का पूरे साल का टर्नओवर यानि सेवा की बिक्री 20 लाख से अधिक हो।

GSTIN क्या है

       GST पंजीयन करवाने के बाद जो नम्बर एलाॅट किये जाते हैं उन्हें GSTIN नम्बर कहा जाता है।

GSTIN नम्बर कैसे एलाॅट किये जाते हैं 

  • GSTIN का फुल फाॅर्म होता है Goods and Services Tax Identification Number
  • GSTIN को हिन्दी में माल एवं सेवा कर पहचान संख्या कहते हैं। 
  • GSTIN नम्बर 15 डिजिट का होता है।
  • GSTIN नम्बर के पहले दो अक्षर उस राज्य का कोड होता है जहां से बिजनेस चलाया जा रहा है।
  • GSTIN नम्बर के अलग-अलग राज्यों के कोड नीचे दिये गये हैं। 
SERIAL NO.STATE NAMESTATE CODE
1JAMMU AND KASHMIR1
2HIMACHAL PRADESH2
3PUNJAB3
4CHANDIGARH4
5UTTARAKHAND5
6HARYANA6
7DELHI7
8RAJASTHAN8
9UTTAR PRADESH9
10BIHAR10
11SIKKIM11
12ARUNACHAL PRADESH12
13NAGALAND13
14MANIPUR14
15MIZORAM15
16TRIPURA16
17MEGHLAYA17
18ASSAM18
19WEST BENGAL19
20JHARKHAND20
21ODISHA21
22CHATTISGARH22
23MADHYA PRADESH23
24GUJARAT24
25DADRA AND NAGAR HAVELI AND DAMAN AND DIU (NEWLY MERGED UT)26*
26MAHARASHTRA27
27ANDHRA PRADESH(BEFORE DIVISION)28
28KARNATAKA29
29GOA30
30LAKSHWADEEP31
31KERALA32
32TAMIL NADU33
33PUDUCHERRY34
34ANDAMAN AND NICOBAR ISLANDS35
35TELANGANA36
36ANDHRA PRADESH (NEWLY ADDED)37
37LADAKH (NEWLY ADDED)38
  • GSTIN नम्बर के अगले दस अंक यानि 2 से 12 तक बिजनेस करने वाले के पेन कार्ड नम्बर होते है। 
  • GSTIN नम्बर का अगला अंक यानि 13वां अंक बिजनेस मेन के चल रहे बिजनेस की संख्या होती है। 
  • उदारहण के तौर पर तल्हा रजा के 3 बिजनेस चल रहे हैं तो उसके पहले बिजनेस का 13वां अंक 1 दूसरे बिजनेस का 2 तीसरे बिजनेस का 3 होगा। यह क्रम 9 तक चलेगा। 9 के बाद ये अंक से तक का चलेगा। जैसे 12वें बिजनेस पर 13वां अंक C होगा।
  • GSTIN नम्बर का अगला अंक यानि 14वां अंक Z होगा।  
  • GSTIN नम्बर का अगला अंक यानि 15वां अंक शुरू के चैदह अंको के हिसाब से कम्पयूटर जनरेटेेड अंक होता है।  

GST पंजीकरण के प्रकार

  • Composition
  • Regular
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