आहरण खाता (Drawings Account)
जब व्यापार का स्वामी अपने निजी प्रयोग हेतू व्यापार से माल या नकद राशि निकालता है तो इसके लिए पुस्तकों में आहरण खाता खोला जाता है। यह खाता व्यक्तिगत खाता कहलाता है।
माल खाता (Stock)
व्यापारी जिस वस्तु में व्यापार करता है उसे, माल कहते है। यह एक वास्तविक (वस्तुगत) खाता है।
बट्टा या छूट (Discount)
जब कोई व्यापारी अपने ग्राहको से उस वस्तु का पुरा मुल्य न लेकर कम मुल्य लेता है। तो उसे छुट या कटौती कहते है।
व्यापारिक छुट (Trade Discount)
व्यापारी के द्वारा अपने विक्रय बढ़ाने के लिए जो बट्टा दिया जाता है। उसे व्यापारिक बट्टा कहते है। भिन्न-भिन्न व्यापारियों के लिए इसकी दर अलग-अलग हेाती है। यह बट्टा विक्रय मुल्य पर निश्चित प्रतिशत की दर से दिया जाता है। इसका लेखा पुस्तकों मंें नहीं करते है। इससे विक्रय की राशि कम हो जाती है। उदाहरण- सद्दाम को 5000 रू का माल बेचा उसे 10 प्रतिशत व्यापारिक छुट प्रदान की इस लेन-देन में 5000 रू में से 500 रू घटा देगें। तथा 4500 रू का पुस्तकों में लेखा किया जायेगा।
नकद छुट (Cash Discount)
यह बट्टा व्यापारी द्वारा देनदारों से शीघ्र भुगतान प्राप्त करने के लिए दिया जाता है। इसका लेखा पुस्तकों में लिखा जाता है। इसी प्रकार अगर व्यापारी अपने लेनदार को समय से पूर्ण भुगतान करता है तो नकद बट्टा प्राप्त करता है। अगर व्यापारी नकद बट्टा प्राप्त करता है तो व्यापार के लिये लाभ व नकद बट्टा देता है है तो व्यापार के लिए हानि है। यह नाम-मात्र का खाता है।
डूबत ऋण (Bed Debts)
जब किसी व्यापारी का देनदार दिवालिया हो जाता है और जो राशि प्राप्त नहीं होती है उसे डूबत ऋण कहते है। यह व्यापारी के लिए हानि है। जो राशि प्राप्त नही होगी उसी राशि से डूबत ऋण खाते को Debit करेगें और देनदार के व्यक्तिगत खाते को Credit करेगे। डूबत ऋण खाता नाममात्र खाता है।
आहरण (Drawings)
व्यवसाय का स्वामी जब व्यवसाय में से अपनी व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करने के लिए माल या राशि निकालता है तो इसे आहरण कहा जाता है।
कच्चा माल (Raw Material)
जब व्यवसाय में किसी वस्तु विशेष का उत्पादन करने के लिए माल खरीदा जाता है तो उसे कच्चा माल कहते हैं।
प्रारम्भिक रहतिया (Opening Stock)
पिछले वित्तीय वर्ष के अन्त में बिना बिके रहे माल को प्रारम्भिक स्टाॅक कहते हैं।
अन्तिम रहतिया (Closing Stock)
किसी वित्तीय वर्ष के अन्त में जो माल बिकना बाकी रह जाता है उसे अन्तिम स्टाॅक कहते हैं।
देनदार (Debtors)
जिन्हें हम माल उधार बेचते हैं, वह व्यवसाय के देनदार कहलाते हैं।
लेनदार (Creditors)
जिनसे हम उधार माल खरीदते हैं, वह व्यवसाय के लेनदार कहलाते हैं।
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